नीम के फायदे
Neem (नीम) नीम के फ़ायदे
नीम का प्रयोग जैविक खेती में दवाई बनाने में किया जाता है। नीम का प्रयोग फफूँदीनाशक, अंटीबायोटिक, अंटिवायरल, अंटीसेप्टिक आदि के तौर पर किया जाता है।
नीम का तेल बनाकर अनेक चीज़ों में इस्तेमाल किया जाता है। नीम का प्रायोग सौन्दर्य प्रसाधनों में बढ़ चढ़ कर किया जाता है। नीम दैनिक उपभोग की वस्तुओं में जैसे की साबुन , तेल, शैमपू, डिटरजेन्ट, मंजन, काजल, क्रीम, फेशियल, फेश वाश , हैड़वाश, शविंग क्रीम , आदी वस्तुओ में किया जाता है।
नीम का उपयोग चर्म रोग में रामबाण माना जाता है। नीम की पत्तियों को घर के दरवाज़े पर लटकाने से अनेक रोग घर में प्रवेश नहीं करते है। नीम की पत्तियों पर चर्म रोगी को लिटाने से रोगी का रोग समाप्त हो जाता है। प्रतिदिन नीम की पत्तियों को पीस कर एक ग्लास पानी से पीने से अनेक चर्म रोग होते ही नहीं है।
नीम प्राचीन काल से ही मनुष्यों के अनेक रोगों को ठीक करने में प्रयोग किया जाता है जैसे की -
घाव और चोट
नीम की पत्तीयो को पीस कर हल्दी के साथ लगाने से घाव जल्दी भर जाता है।
फोड़े फुंसी
नीम की छाल को पानी के साथ पत्थर पर रगड़ कर पेस्ट बना कर फुंसीयो पर लगाना चाहिये या नीम की पत्तीयो को पीसकर हल्दी के साथ लगाने से फुंसी ठीक हो जाती है। प्रतिदिन सुबह नीम की पत्तियों को पीसकर पानी के साथ खाने से रक्त साफ़ हो जाता है जिससे फोड़े फुंसी जैसे रोग ठीक हो जाते है।
कीड़े के काटने
कीड़े के काटने पर नीम का तेल लगाने से सूजन नहीं होती।
चेहरे के कील मुँहासे
नीम की पत्तीयो को पीस कर हल्दी चंदन और दही के साथ मिला कर पेस्ट बना कर लगाने से चेहरे के मुँहासे ठीक करता है।
दाँतो के अनेक रोग
नीम की टहनी का दातुन करने से पायरिया को दूर करता है।
मधुमेह रोग
रोजाना नीम की ४ -१० पत्ती सुबह उठते ही चबाने से मधुमेह रोग में फ़ायदा होता है।
मच्छर और कीट
नीम की पत्तियों को शाम में जलाने से मच्छर आदि कीट भाग जाते है।
पशु के रोग
नीम के पेड़ के नीचे पशुओं को बान्धने से अनेक रोग नहीं होते है। पशु नीम की पत्ती और निम्बोली खा लेते है जिससे मुँहपका और खुरपका जैसे रोग नहीं होते।
Neem नीम |
नीम एक औषधिय व्रक्ष है। नीम की हर एक चीज़ उपयोगी है जैसे नीम के पत्तियाँ, छाल, जड़ , लकड़ी , तना, फूल, निम्बोली, बीज , गूदा, टहनिया, गोंद, बक्कल , नीचे की मिट्टी आदि।
नीम का प्रयोग जैविक खेती में दवाई बनाने में किया जाता है। नीम का प्रयोग फफूँदीनाशक, अंटीबायोटिक, अंटिवायरल, अंटीसेप्टिक आदि के तौर पर किया जाता है।
नीम का तेल बनाकर अनेक चीज़ों में इस्तेमाल किया जाता है। नीम का प्रायोग सौन्दर्य प्रसाधनों में बढ़ चढ़ कर किया जाता है। नीम दैनिक उपभोग की वस्तुओं में जैसे की साबुन , तेल, शैमपू, डिटरजेन्ट, मंजन, काजल, क्रीम, फेशियल, फेश वाश , हैड़वाश, शविंग क्रीम , आदी वस्तुओ में किया जाता है।
नीम का उपयोग चर्म रोग में रामबाण माना जाता है। नीम की पत्तियों को घर के दरवाज़े पर लटकाने से अनेक रोग घर में प्रवेश नहीं करते है। नीम की पत्तियों पर चर्म रोगी को लिटाने से रोगी का रोग समाप्त हो जाता है। प्रतिदिन नीम की पत्तियों को पीस कर एक ग्लास पानी से पीने से अनेक चर्म रोग होते ही नहीं है।
नीम प्राचीन काल से ही मनुष्यों के अनेक रोगों को ठीक करने में प्रयोग किया जाता है जैसे की -
घाव और चोट
नीम की पत्तीयो को पीस कर हल्दी के साथ लगाने से घाव जल्दी भर जाता है।
फोड़े फुंसी
नीम की छाल को पानी के साथ पत्थर पर रगड़ कर पेस्ट बना कर फुंसीयो पर लगाना चाहिये या नीम की पत्तीयो को पीसकर हल्दी के साथ लगाने से फुंसी ठीक हो जाती है। प्रतिदिन सुबह नीम की पत्तियों को पीसकर पानी के साथ खाने से रक्त साफ़ हो जाता है जिससे फोड़े फुंसी जैसे रोग ठीक हो जाते है।
कीड़े के काटने
कीड़े के काटने पर नीम का तेल लगाने से सूजन नहीं होती।
चेहरे के कील मुँहासे
नीम की पत्तीयो को पीस कर हल्दी चंदन और दही के साथ मिला कर पेस्ट बना कर लगाने से चेहरे के मुँहासे ठीक करता है।
दाँतो के अनेक रोग
नीम की टहनी का दातुन करने से पायरिया को दूर करता है।
मधुमेह रोग
रोजाना नीम की ४ -१० पत्ती सुबह उठते ही चबाने से मधुमेह रोग में फ़ायदा होता है।
मच्छर और कीट
नीम की पत्तियों को शाम में जलाने से मच्छर आदि कीट भाग जाते है।
पशु के रोग
नीम के पेड़ के नीचे पशुओं को बान्धने से अनेक रोग नहीं होते है। पशु नीम की पत्ती और निम्बोली खा लेते है जिससे मुँहपका और खुरपका जैसे रोग नहीं होते।
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