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मुर्गी पालन (poultry farming)
मुर्गी पालन व्यवसाय भाइयों मुर्गी पालन कृषि से जुड़ा हुआ व्यवसाय है। कुछ दशक पहले लोग मुर्गीयो को घर अथवा ख़ाली जगह में पाला करते थे परन्तु अब यह एक व्यवसाय बन चुका है। कम जगह में ज़्यादा मुर्गी पालन करना फ़ायदा का सौदा हो रहा है। कुछ आधुनिक नसल जैसे की cobb मात्र 35 दिन में 2 kg से 2.5 kg का मुर्ग़ा तैयार हो जाता है। देश की बढ़ती जनसंख्या एक कारण हैं की अण्डे और चिकेन की माँग बढ़ी है। मुर्गी पालन दो तरह से कर सकते है एक अण्डे के लिए जिसे लेयर फ़ार्मिंग (layer farming) और दूसरा मीट के लिए जिसे ब्रोलर फ़ार्मिंग (broiler farming) कहते है। फार्म की जगह का चुनाव गाँव की बस्ती से दूर जंगल में होना चाहिए। सड़क से दूर होना चाहिए जिससे की गाड़ी का शोर ना आये। पेड़ों की छाव हो जिस की वजह से फार्म ठंडा रहता है। फार्म का निर्माण कच्चा फार्म घास फूस और बाँस से बनता है। ऊपर छप्पर डाल के छत बनाते है जैसे की झोंपड़ी बनती है। पक्का फार्म ईंट और सीमेंट से बनता है। लोहे का फार्म लोहे के पाइप को वेल्डिंग करके बनते है। फार्म में आधुनिक बर्तन का इस्तेमाल करें। आज
रोटावेटर
रोटावेटर रोटरवेटर एक कृषि यंत्र है जो ट्रैक्टर के पी॰टी॰ओ॰ द्वारा चलाया जाता है। इसमें गीयर बाक्स लगा होता है जिसकी मदद से इसके चकरी नुमा ब्लेड्स के सेट्स को घुमाया जाता है जिसकी मदद से यह खेतों में खरपतवार व छोटीमोटी जड़ो को काट देता है। रोटर वेटर की कार्य छमता उसके आकार से नापी जाती है। जितने फ़ुट का रोटरवेटर उतनी जुताई ज़्यादा करता है। यह कृषि यंत्र किसानो के लिए बहुत उपयोगी है। रोटरवेटर के फ़ायदे - मिट्टी को भुर्भरा करने में आसानी होती है। खरपतवार नियंत्र करने में मदद मिलती है। मिट्टी की उर्वरक छमता बढ़ाता है। पुरानी फसल के अवशेष को मिट्टी में मिलाने का कार्य करता हैं। अवशेषों को काटकर बारीक करता हैं। खेत में बेड बनाने में आसानी होती है। खेत में जुताई के साथ पाटा लग जाता है। खेत में अलग से पाटा लगाने की आवश्यकता नहीं पड़तीं। खेत में नमी बनी रहती है। खेत तय्यार करने में समय कम लगता है। खेत में डाले गये उर्वरक को मिट्टी में अच्छी तरह मिला देता है। हैरो की अपेक्षा ज़्यादा अच्छी जुताई करता है। ज़ीरो टिलेज खेती क
Kasana agro industries
ReplyDeleteHow to start layer farming???
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